कानून को चुनौती देन वालों ने कहा है की CAA यह धर्म के आधार पर मुसलमानो के साथ भेदभाव करता है। याचिकर्ता तर्क देते है की यह संविधान के तहत आर्टिकल 14 के तहत समानता के अधिकार का पूर्ण रूप से उलंघन
है ।इसी के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता के इसी मामले पे सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ दायर 200 से अधिक याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग को लेकर भी याचिकाएं दायर की गई है। CJI Dy चंद्रचून न्यायमूर्ति jb पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीश की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। CAA को भारत की संसद ने 11 दिसंबर 2019 को पारित किया था . यह कानून बहस और विरोध का विषय रहा है .
CAA 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करता है यह कानून अफगानिस्तान,बांग्लादेश,पाकिस्तान
के हिंदू,सिख ,जैन,बौद्ध, पारसी, एवम ईसाई ,के समुदायों
से आने वाले उन प्रवासियों के लिए नागरिकता की बात करता है को अपने ही देशों से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार बन बैठे हैं। इस मामले में अधिवक्ता कपिल सिब्बल जी ने कहा की चुनाव के समय CAA को लागू करना सरकार की तरफ प्रश्नचिन्ह करता है।
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