बरसाने की ऐतिहासिक प्रसिद्ध लट्ठमार होली।
इस बार प्रशासन पूरे जोर शोर से लगा हुआ है.
मथुरा वृंदावन में सुरक्षा के चौकस इंतजाम किए गए हैं।
बरसाने की विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली (lathmar holi of barsana) शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने खास तैयारियां की हैं. लट्ठमार होली में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन चाक चौबंद सुरक्षा इंतजाम कर रहा है. यहां दो हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया जाएगा. चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी.
रंगों का उत्सव होली को लेकर देशभर में तैयारियां चल रही हैं. भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में होली का उत्सव कई दिन पहले ही शुरू हो जाता है. यहां मथुरा, वृंदावन और बरसाना की होली के कई रंग हैं. होली के उत्सव को देखने के लिए देश-विदेश से लोग मथुरा-बरसाना पहुंचते हैं. यहां की लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है.
मथुरा, वृंदावन और बरसाना में होली खेलने का अंदाज अलग ही होता है. कहीं फूलों की होली, कहीं रंग-गुलाल तो कहीं लड्डू, कहीं लट्ठमार होली मनाने की परंपरा है. इस बार बरसाना में 18 मार्च को लट्ठमार होली खेली जाएगी. वहीं नंनदगांव में 19 मार्च को मनाई जाएगी
कैसे मनाई जाती है लट्ठमार होली?
विश्व-प्रसिद्ध लट्ठमार होली बरसाना में मनाई जाती है. इसमें महिलाएं, जिन्हें हुरियारिन कहते हैं, वे लट्ठ लेकर हुरियारों को यानी पुरुषों को मजाकिया अंदाज में पीटती हैं. इस लट्ठमार होली में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. पुरुष सिर पर ढाल रखकर हुरियारिनों के लट्ठ से खुद का बचाव करते हैं. इस दिन महिलाओं और पुरुषों के बीच गीत और संगीत की प्रतियोगिताएं भी होती हैं